Tuesday, June 13, 2017

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   अभी यहाँ पर एक बात नही भुलनी चहिये की अगर जहाँ बात पब्लिक के पैसों की सुरक्षा की आती है वहाँ सरकार का फर्ज बनता है की वे इन सभी बातों पर ध्यान दे और कोई ऐसी समिति उसकी निगरानी करे, भारत सरकार ने ऐसी ही समिति का गठन किया है जिसका नाम है SEBI ( Securities and Exchange Board of India ); SEBI  का काम एक्सचेंज व पूरे स्टॉक मार्केट के हर एक ट्रेन्सेक्शन पर कंट्रोल करना है, वो  ब्रोकर, कंपनी, अड्वर्टाइजर आदि पर पूरी तरह नज़र रखता है ताकि इन्वेस्टेर का पैसा सुरक्षित रहे, उनके साथ कोई धोकाधाडि ना हो।
   कूछ साल पहले इन्वेस्टर्स कंपनी से सीधे शेर ले सकते थे, मगर आज लगभग ये प्रथा ख़त्म हो गयी है और आपको कोई भी कंपनी के शेर अगर चाहिये तो एक्सचेंज के मार्फ़त ही शेर खरीदने पडेंगे, हाँ अगर वो कंपनी जो स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टेड नही है उनके शेर आप सीधे सीधे कंपनी या बिचौलिए से खरीद सकते हो। भारत मे 3000 से भी ज्यादा कम्पनीया लिस्टेड है जिनका शेर का ट्रेडिंग होता है


   किसी भी कंपनी को INDIAN EXCHANGE मे लिस्टेड होने के लिये उसे सरकार, आयकर विभाग और SEBI के नियमों के आधीन अर्जी करनी पड़ती है, कंपनी पब्लिक से इन्वेस्टमेट माँगने के लिये ये अर्जी ज़रूरी है, यहाँ उसे 45 दिन का समय दिया जाता है, कंपनी को अपना मनज्मेन्ट और स्टाफ का पूरा ब्यौरा देना होता है, सभी कानूनी शर्तों को मानने के बाद 45 दिन के बाद कंपनी अपने शेर का ट्रेडिंग एक्सचेंज के माध्यम से करने के लिये तैयार है।
   अभी एक्सचेंज से कोई व्यक्ति सीधे-सीधे शेर नही खरीद सकता, उसके लिये आपको ब्रोकर की ज़रूरत होती है, ये ब्रोकर कोई व्यक्ति, प्राइवेट कंपनी, बेंक या कोई संगठन हो सकता है की जिसे SEBI द्वारा वो अधिकार प्राप्त है


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